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* जन्मांध पिताजी के एन सिंह ने 03 जुलाई 1967 को काला पानी में और उनके विकलांग पुत्र स्वर्गीय देवेश ने तिहाड़ में 11 नवंबर 1974 को दोनों ने दिनदहाड़े इस मनुष्य की बनाई जेल में जन्म ले लिया । दोनों पिता-पुत्र मिलकर कैदियों में यह जागृति फैलाने लगे कि कोरोना वायरस वस्तु होती ही नहीं है । इसी बीच साबरमती के बाल सुधार गृह में लॉकडाउन के पहले ' डाबर लाल दंत मंजन से मुखड़ा खिल जाए ' की फैक्ट्री खोल दी गई , ताकि सैनिक स्कूल में बच्चे मंजन में कास्टिक सोडा होने से मेलामाइन की परत नष्ट होने पर स्वाह हो जाएं; जिसका सफाया बंदी पिता और केदी पुत्र दो९ ने खुद तड़ीपार करके किया । अंधा पापा सुरंग दिखाता गया और लंगड़ा पुत्र दहेज का फावड़ा चलाता रहा । उल्लेखनीय है कि दोनों पिता-पुत्र बहुत ही अधिक दहेज लोभी थे ।* : दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने वाहन को बनाया निशाना, IED ब्लास्ट में 11 घायल, एक की मौत अगर किसी अखबार वाली बाई ने साइकिल पर अखबार में छपी एयरपोर्ट लूटमारी को सुबह सबेरे बेचने की कोशिश की तो उसको चूत को फांसी दी जाएगी - " त्रुटिरहित कानून' सेक्शन १२० ब...